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देवी पूजा - (लघुपूजा आर्चिकविधाना) आचम्य। प्राणानायम्य। • मम उपात्त ..... श्रीपरमेश्वर प्रीत्यर्थं, • श्रीमहाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपिण्याः श्री राजराजेश्वरी परदेवतायाः अनुग्रहावाप्त्यर्थं, • स्थिरलक्ष्मी-कीर्तिलाभ- शत्रुपराजय-सदभीष्टसिद्ध्यर्थं, •(स्त्रीणां दीर्घसौमंगल्य सिद्ध्यर्थं), • श्री महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वतीस्वरूपिण्याः श्री राजराजेश्वरी परदेवतायाः, ध्यानावाहनादि षोडशोपचार पूजां श्री सूक्त विधानेन यथाशक्ति करिष्ये।। • गणपति पूजा, कलशपूजादिकं कृत्वा। ध्यानम् सिन्दूरारुण विग्रहां त्रिनयनां माणिक्य मौलिस्फुरत्- तारानायक शेखरां स्मितमुखी.मापीन.वक्षोरुहाम्। पाणिभ्या.मलिपूर्ण रत्नचषकं रक्तोत्पलं बिभ्रतीं सौम्यां रत्नकटस्थ रक्त चरणां ध्यायेत् परामंबिकाम्।।1 लक्ष्मीं क्षीर समुद्रराज तनयां श्रीरङ्गधामेश्वरीं दासीभूत समस्त देववनितां लोकैक दीपाङ्कुराम्। श्रीमन्मन्द कटाक्षलब्ध विभव द्ब्रह्मेन्द्र गङ्गाधरां ता.न्त्रैलोक्य कुटुम्बिनीं सरसिजां वन्दे मुकुन्दप्रियाम्।।2 या कुन्देन्दु.तुषार.हार.धवळा या शुभ्रवस्त्रान्विता या वीणावरदण्ड.मण्डितकरा या श्वेत.पद्मासना। या ब्रह्माच्युत.शङ्करप्रभृतिभि.र्देवै.स्सदा पूजिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निश्शेष जाड्यापहा।।3 श्री महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपिण्यै, श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः।। ध्यायामि ध्यानं समर्पयामि।। आवाहनम् हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीँ लक्ष्मी.ञ्जातवेदो म आवह।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः।। आवाहयामि।। आसन पाद्यार्घ्याचमनानि - तां म आवह जातवेदो लक्ष्मी.मनपगामिनीम्। यस्यां हिरण्यँ विन्देय.ङ्गा.मश्वं पुरुषा.नहम्।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। रत्नसिंहासनं समर्पयामि।। अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद.प्रबोधिनीम्। श्रिय.न्देवी.मुपह्वये श्री.र्मा देवी जुषताम्।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। पादयो पाद्यं समर्पयामि। कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारा.मार्द्रा.ञ्ज्वलन्ती.न्तृप्ता.न्तर्पयन्तीम्। पद्मेस्थितां पद्मवर्णा.न्ता.मिहोप ह्वये श्रियम्।। श्री चक्रस्थितायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। हस्तयोः, अर्घ्यं समर्पयामि। चन्द्रां प्रभासाँ यशसा ज्वलन्तीं श्रियँ लोके देवजुष्टा.मुदाराम्। तां पद्मिनीमीं शरण.महं प्रपद्येलक्ष्मी.र्मे नश्यता.न्त्वाँ वृणे।। श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः मुखे शुद्धाचमनीयं समर्पयामि।। स्नानम् आदित्यवर्णे तपसोधि जातो वनस्पति.स्तव वृक्षोथ बिल्वः। तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः।। श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः।। स्नानं समर्पयामि।। वस्त्र यज्ञोपवीते - उपैतु मा.न्देवसख कीर्तिश्च मणिना सह। प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मि.न्कीर्ति. मृद्धि.न्ददातु मे।। श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। वस्त्रं, यज्ञोपवीतञ्च समर्पयामि।। आभरणानि- क्षुत्पिपासामला.ञ्ज्येष्ठा. मलक्ष्मी. र्नाशया.म्यहम्। अभूति.मसमृद्धिञ्च सर्वा. न्निर्णुद मे गृहात्।। श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः।। आभरणानि समर्पयामि।। चन्दनम् - गन्धद्वारा. न्दुराधर्षा. न्नित्यपुष्टा. ङ्करीषिणीम्। ईश्वरीं सर्वभूताना. न्ता. मिहोप ह्वये श्रियम्।। श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः।। श्री गन्धानुलेपनं समर्पयामि।। गन्धोपरि अलङ्करणार्थम्, अक्षतान् समर्पयामि।। पुष्पम्- मनस काम.माकूतिँ वाच.स्सत्य. मशीमहि। पशूनां रूप.मन्नस्य मयि श्री.श्श्रयताँ यशः।। श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। पुष्पाणि समर्पयामि। अङ्गपूजा - ऐं ह्रीं श्रीं दुर्गायै नमःपादौ पूजयामि गिरिजायै नमःगुल्फौ पूजयामि अपर्णायै नमःजानुनी पूजयामि हरिप्रियायै नमःऊरू पूजयामि पार्वत्यै नमःकटिं पूजयामि आर्यायै नमःनाभिं पूजयामि जगन्मात्रे नमःउदरं पूजयामि मङ्गलायै नमःकुक्षिं पूजयामि शिवायै नमः हृदयं पूजयामि महेश्वर्यै नमःकण्ठं पूजयामि विश्ववन्द्यायै नमःस्कन्धौ पूजयामि काल्यै नमःबाहू पूजयामि आद्यायै नमःहस्तौ पूजयामि वरदायै नमःमुखं पूजयामि सुवाण्यै नमःनासिके पूजयामि कमलाक्ष्यै नमःनेत्रे पूजयामि देव्यै नमःसर्वाण्याङ्गानि पूजयामि। अथ अष्टोत्तर शतनाम पूजा 1. माहेश्वर्यै नमः 2. महादेव्यै नमः 3. जयन्त्यै नमः 4. सर्वमङ्गस मङ्गलायै नमः 5. लज्जायै नमः 6. भगवत्यै नमः 7. वन्द्यायै नमः 8. भवान्यै नमः 9. पापनाशिन्यै नमः 10. चण्डिकायै नमः 11. कालरात्र्यै नमः 12. भद्रकाल्यै नमः 13. अपराजितायै नमः 14. महाविद्यायै नमः 15. महामेधायै नमः 16. महामायायै नमः 17. महाबलायै नमः 18. कात्यायन्यै नमः 19. जयायै नमः 20. दुर्गायै नमः 21. मन्दारवन.वासिन्यै नमः 22. आर्यायै नमः 23. गिरिसुतायै नमः 24. धात्र्यै नमः 25. महिषासुर.घातिन्यै नमः 26. सिद्धिदायै नमः 27. बुद्धिदायै नमः 28. नित्यायै नमः 29. वरदायै नमः 30. वरवर्णिन्यै नमः 31. अम्बिकायै नमः 32. सुखदायै नमः 33. सौम्यायै नमः 34. जगन्मात्रे नमः 35. शिवप्रियायै नमः 36. भक्तसन्ताप संहर्त्र्यै नमः 37. सर्वकाम.प्रपूरिण्यै नमः 38. जगत्कर्त्र्यै नमः 39. जगद्धात्र्यै नमः 40. जगत्पालन.तत्परायै नमः 41. अव्यक्तायै नमः 42. व्यक्तरूपायै नमः 43. भीमायै नमः 44. त्रिपुर.सुन्दर्यै नमः 45. अपर्णायै नमः 46. ललितायै नमः 47. विद्यायै नमः 48. पूर्णचन्द्र.निभाननायै नमः 49. चामुण्डायै नमः 50. चतुरायै नमः 51. चन्द्रायै नमः 52. गुणत्रय विभागिन्यै नमः 53. हेरम्ब.जनन्यै नमः 54. कादये नमः 55. त्रिगुणायै नमः 56. यशोधारिण्यै नमः 57. उमायै नमः 58. कलशहस्तायै नमः 59. दैत्य दर्पनिषूदिन्यै नमः 60. बुद्ध्यै नमः 61. कान्त्यै नमः 62. क्षमायै नमः 63. शान्त्यै नमः 64. पुष्ट्यै नमः 65. तुष्ट्यै नमः 66. धृत्यै नमः 67. मत्यै नमः 68. वरायुध. धरायै नमः 69. धरायै नमः 70. गौर्यै नमः 71. शाकम्भर्यै नमः 72. शिवायै नमः 73. अष्टसिद्धि.प्रदायै नमः 74. वामायै नमः 75. शिववामाङ्क.वासिन्यै नमः 76. धर्मदायै नमः 77. धनदायै नमः 78. श्रीदायै नमः 79. कामदायै नमः 80. मोक्षदायै नमः 81. अपरायै नमः 82. चित्स्वरूपायै नमः 83. चिदानन्दायै नमः 84. जयश्रियै नमः 85. जयदायिन्यै नमः 86. सर्वमङ्गल. माङ्गल्यायै 87. जगत्त्रय. हितैषिण्यै नमः 88. शर्वाण्यै नमः 89. पार्वत्यै नमः 90. धन्यायै नमः 91. स्कन्दमात्रे नमः 92. अखिलेश्वर्यै नमः 93. प्रपन्नार्ति. हरायै नमः 94. देव्यै नमः 95. सुभगायै नमः 96. कामरूपिण्यै नमः 97. निराकारायै नमः 98. साकारायै नमः 99. महाकाल्यै नमः 100. सुरेश्वर्यै नमः 101. शर्वायै नमः 102. श्रद्धायै नमः 103. ध्रुवायै नमः 104. कृत्यायै नमः 105. मृडान्यै नमः 106. भक्तवत्सलायै नमः 107. सर्वशक्ति. समायुक्तायै नमः 108. शरण्य. सत्यकामदायै नमः इति श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनामावलिः धूपः - कर्दमेन प्रजाभूता मयि सम्भव कर्दम। श्रियँ वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम्।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। धूप माघ्रापयामि।। दीपः - आप.स्सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे। नि च देवीं मातरं श्रियँ वासय मे कुले।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। दीपं दर्शयामि।। नैवेद्यम् - आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम्। सूर्यां हिरण्मयीँ लक्ष्मी.ञ्जातवेदो म आवह।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। नैवेद्यं निवेदयामि। मध्ये मध्ये स्वादूदकं समर्पयामि। हस्तौ प्रक्षालयामि। पादौ प्रक्षालयामि। मुखे शुद्धाचमनीयं समर्पयामि।। ताम्बूलम् - आर्द्राँ यकरिणीँ यष्टिं पिङ्गलां पद्ममालिनीम्। चन्द्रां हिरण्मयीँ लक्ष्मी. ञ्जातवेदो म आवह।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। ताम्बूलं समर्पयामि।। नीराजनम् - तां म आवह जातवेदो लक्ष्मी.मनपगामिनीम्। यस्यां हिरण्यं प्रभूत.ङ्गावो दास्योश्वा.न्विन्देयं पुरुषा.नहम्।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। नीराजनं दर्शयामि।। मन्त्रपुष्पम् - जातवेदसे सुनवाम सोम मरातीयतो निदहाति वेदः। स न पर्ष.दति दुर्गाणि विश्वा नावेव सिन्धु.न्दुरितात्यग्निः। ता.मग्निवर्णा. न्तपसा ज्वलन्तीँ वैरोचनी.ङ्कर्मफलेषु जुष्टाम्। दुर्गा.न्देवी शरण. महं प्रपद्ये सुतरसि तरसे नमः।। कात्यायनाय विद्महे कन्यकुमारि धीमहि। तन्नो दुर्गि प्रचोदयात्।। यश्शुचि प्रयतो भूत्वा जुहुया.दाज्य. मन्वहम्। श्रिय पञ्चदशर्चञ्च श्रीकाम. स्सतत.ञ्जपेत्।। महादेव्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।। प्र णो देवी सरस्वती वाजेभि.र्वाजिनीवती। धीना.मवि.त्र्यवतु।। महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपायै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। मन्त्रपुष्पं समर्पयामि।। प्रदक्षिण नमस्काराः - श्रीमहाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती स्वरूपिण्यै श्री राजराजेश्वरी परदेवतायै नमः। प्रदक्षिण नमस्कारान् समर्पयामि। अपराध स्तुतिः - आवाहन.न्न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजाञ्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।। अपराध.सहस्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया। दासोय.मिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि।। अनया पूजया श्री महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वतीस्वरूपिणी भगवती सर्वात्मिका श्रीराजराजेश्वरी परदेवता प्रीयताम्। एतत्फलं श्रीपरमेश्वरार्पणमस्तु। फलश्रुतिः - भवानि त्वं दासे मयि वितर दृष्टिं सकरुणां इति स्तोतुं वाञ्छ.न्कथयति भवानि त्वमिति यः। तदैव त्वं तस्मै दिशसि निजसायुज्य पदवीं मुकुन्द.ब्रह्मेन्द्र.स्फुट.मकुट.नीराजित.पदाम्।।1 विधे रज्ञानेन द्रविण विरहेणालसतया विधेयाशक्यत्वात् तव चरणयो.र्या च्युति.रभूत्। तदेतत् क्षन्तव्यं जननि सकलोद्धारिणि शिवे कुपुत्रो जायेत क्वचि.दपि कुमाता न भवति।। 2 ==00==